एथेनॉल ईंधन स्वच्छ ईंधन

ऑटोमोबाइल उद्योग एथेनॉल ईंधन (स्वच्छ ईंधन) का उपयोग फ्लेक्सी फ्यूल के रूप में करने जा रहा है। तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल उद्योग जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता कम कर रहा है। पारंपरिक ईंधन भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा भार है। पेट्रोल और डीजल की खरीद देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ है। भारत सरकार ने 2025 तक इथेनॉल को 20% तक मिलाने का लक्ष्य रखा है। केंद्र सरकार कच्चे तेल पर हर साल 65 बिलियन डॉलर खर्च करती है। पेट्रोलियम की 80 फीसदी जरूरत आईओसी और दूसरे देशों से आती है

कैसे बनता है एथेनॉल ईंधन एक स्वच्छ ईंधन

इथेनॉल सम्मिश्रण इथेनॉल और पेट्रोल का 10-20% मिश्रण है। भारत सरकार 2025 तक इथेनॉल प्रतिशत को 10.5% से बढ़ाकर 20% कर देगी। भारत प्रति वर्ष 26 मिलियन वाहनों का उत्पादन करता है। भारत प्रति वर्ष 5 मिलियन वाहनों का निर्यात करता है।इथेनॉल एक अच्छा विलायक है। इसका रासायनिक सूत्र C2H5OH है। यह एक कार्बनिक यौगिक है। दैनिक जीवन में इसके व्यापक अनुप्रयोग हैं। यह पेट्रोल और डीजल से काफी सस्ता है l

इथेनॉल सम्मिश्रण इथेनॉल और पेट्रोल का 10-20% मिश्रण है। भारत सरकार 2025 तक इथेनॉल प्रतिशत को 10.5% से बढ़ाकर 20% कर देगी। भारत प्रति वर्ष 26 मिलियन वाहनों का उत्पादन करता है। भारत प्रति वर्ष 5 मिलियन वाहनों का निर्यात करता है।

एथेनॉल के अन्य उपयोग

इथेनॉल एक अच्छा विलायक है। इसका रासायनिक सूत्र C2H5OH है। यह एक कार्बनिक यौगिक है। दैनिक जीवन में इसके व्यापक अनुप्रयोग हैं।

  • इसके कई अनुप्रयोग हैं। सभी सिरप में इथेनॉल होता है, विशेष रूप से कफ सिरप।
  • दवा उद्योग में इसका उपयोग।
  • इसका उपयोग सफाई एजेंटों जैसे सैनिटाइज़र और साबुन में किया जाता है।
  • शराब और बीयर जैसे पेय पदार्थों के उत्पादन में व्यापक आवेदन।
  • आजकल ईंधन के रूप में।

एथेनॉल का फ्लेक्सी फ्यूल के रूप में उपयोग

फ्लेक्सी फ्यूल पेट्रोल और डीजल के लिए वैकल्पिक ईंधन विकल्प है। पेट्रोल के इथेनॉल मिश्रण का 85% फ्लेक्सी ईंधन है। इंजन के काम करने का सिद्धांत सीएनजी वाहनों के समान है। पारंपरिक इंजन में लचीले ईंधन का उपयोग नहीं होता है। इंजन में सामान्य इंजन में सीएनजी और पेट्रोल के रूप में अलग डिब्बे होते हैं।
इथेनॉल का प्रतिशत आवश्यक सीमा के अनुसार भिन्न हो सकता है।

एथेनॉल ईंधन स्वच्छ ईंधन के रूप में क्यों उपयोग किया जाना चाहिए

  • देश में कच्चे माल की अच्छी उपलब्धता।
  • सब्जियों और अनाज के कचरे को कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इथेनॉल के मिश्रण के लिए सबसे अच्छा कच्चा माल गन्ना है।
  • देश में गन्ने की उपलब्धता इथेनॉल के उत्पादन के लिए एक बड़ा अवसर है।
  • फ्लेक्सी फ्यूल के क्षेत्र में गन्ना अनुकूल जलवायु भारत का समर्थन करता है।
  • फ्लेक्सी ईंधन के रूप में एथेनॉल सम्मिश्रण का उपयोग प्रदूषण मुक्त है। यह धुआं पैदा नहीं करता है।
  • अन्य ईंधनों की तुलना में 100% पर्यावरण के अनुकूल सस्ता।
  • देश में इसका उपयोग बढ़ने से पेट्रोलियम पर देश की निर्भरता कम होगी।
  • जब सभी वाहनों को इथेनॉल सम्मिश्रण ईंधन में स्थानांतरित कर दिया जाता है तो कच्चे तेल पर खर्च नाटकीय रूप से कम हो जाता है।
  • नतीजतन, पेट्रोलियम पर होने वाला राजस्व खर्च देश के विकास को वहन कर सकता है।

एथेनॉल ईंधन स्वच्छ ईंधन को अपनाने की चुनौतियाँ

भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग मूल रूप से पेट्रोलियम ईंधन पर आधारित है। पेट्रोलियम ईंधन महंगा ईंधन ऊर्जा विकल्प है। भारत 80% पेट्रोलियम आयात पर निर्भर है। व्यापार और वाणिज्य में वैश्विक अशांति से पेट्रोल की कीमत प्रभावित होती है। इसलिए आयातित पेट्रोलियम उत्पादों के बजाय जैव ईंधन पर निर्भर रहना सबसे अच्छी पहल है।

प्रमुख चुनौतियाँ
  • भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग BS-5 और 6 इंजन का उपयोग कर रहा है। ये इंजन ऊर्जा उत्पादन के लिए पेट्रोल, सीएनजी और डीजल पर निर्भर हैं। इथेनॉल सम्मिश्रण इंजन पूरी तरह से अलग है।
  • सभी फ्लेक्सी ईंधन इंजन अलग-अलग आवश्यकताएँ हैं।
  • इथेनॉल सम्मिश्रण फ्लेक्सी ईंधन उद्योग भारत में नया है।
  • बायो एथेनॉल का उत्पादन भी एक बड़ी चुनौती है।
  • प्रौद्योगिकी नई है और अनुकूलन में समय लगेगा।

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रासायनिक अभिक्रिया ऑनलाइन टेस्ट

रासायनिक अभिक्रिया ऑनलाइन टेस्ट के इस अध्याय में प्रश्नों का संग्रह है l  यह प्रश्न ऑब्जेक्टिव अर्थात बहुविकल्पीय रूप के हैं l  इनको हल करने से पहले जरूरी है क्या आप इस चैप्टर को ध्यानपूर्वक पढ़ें l 

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इस पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों के कौशल को बढ़ाना और एग्जाम की तैयारी करवाना है l इन वीडियोस का लिंक नीचे दिया जा रहा है:

रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण ऑनलाइन क्लास

ऑनलाइन लेक्चर 1 ऑनलाइन लेक्चर 2 ऑनलाइन लेक्चर 3

इन तीनों ही लेक्चर में रासायनिक अभिक्रिया ऑनलाइन टेस्ट के लिए

  • रासायनिक अभिक्रिया ऑनलाइन टेस्ट क्या होती है?
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  • भोजन की विकृतगंधिता  क्या होती है?  विकृतगंधिता को कैसे रोका जा सकता है? के बारे में भी चर्चा की गई है l 

इंटेक्सट प्रश्नों के उत्तर वीडियो

  1. प्रश्नोत्तर विडियो 1
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The Hindu Editorial in Hindi

The Hindu Editorial in Hindi टाट में व्यापार Trade-in Tatters : Editorial

विश्व व्यापार संगठन को उम्मीद है कि 2020 में वैश्विक वस्तुओं के व्यापार की मात्रा में 32% की कमी आएगी l The Hindu Editorial in Hindi टाट में व्यापार Trade-in Tatters : Editorial

महामारी की चपेट में आने वाली दुनिया की एकमात्र निश्चितता अभी-अभी सामने नहीं आई है।

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विश्व व्यापार संगठन ने पिछले सप्ताह वैश्विक व्यापार के लिए अपना दृष्टिकोण जारी किया और

डब्ल्यूटीओ ने इसे स्वीकार किया 2020 में 13% और 32% के बीच कहीं भी व्यापार करने के

लिए व्यापार का अनुमान लगाते हुए, इसने एक स्पष्ट चेतावनी जोड़ दी: फिलहाल, यह व्यापार की

अभूतपूर्व प्रकृति को देखते हुए व्यापार में अनुमानित गिरावट के लिए संभावित प्रक्षेपवक्र की एक

विस्तृत श्रृंखला प्रस्तुत करने में सक्षम है। The Hindu Editorial in Hindi टाट में व्यापार Trade-in Tatters

COVID-19 Effect On Trade कोविड-19 का व्यापार पर प्रभाव

COVID-19 के प्रकोप और उसके सटीक आर्थिक प्रभाव के आसपास अनिश्चितता के कारण स्वास्थ्य संकट। डब्ल्यूटीओ के अर्थशास्त्री, हालांकि, अधिक निश्चित रूप से प्रकट होते हैं कि व्यापार के लिए विघटन और परिणामी झटका 2008 की वैश्विक वित्तीय संकट द्वारा लाई गई मंदी की तुलना में सभी संभावित रूप से खराब होगा।

आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने 9 अप्रैल को मनाया था। वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में तेजी से सिकुड़ने के लिए तैयार है, जिसमें दुनिया भर में अरबों को प्रभावित करने वाली महामारी से लड़ने के लिए “लॉकडाउन की जरूरत है”।

Impact on Tourism पर्यटन पर प्रभाव

भौगोलिक गतिविधियों के कारण आवागमन और सामाजिक सुरक्षा मानदंडों पर कड़े प्रतिबंधों के

कारण श्रम आपूर्ति, परिवहन और यात्रा पर भारी अंकुश लगा है और होटलों और गैर-जरूरी

खुदरा क्षेत्रों से पर्यटन और विनिर्माण के महत्वपूर्ण हिस्सों तक सभी क्षेत्रों को बंद कर दिया गया है।

विश्व व्यापार संगठन सभी क्षेत्रों से उम्मीद करता है कि अफ्रीका, पश्चिम एशिया और स्वतंत्र राज्यों

के राष्ट्रमंडल को बचाने के लिए निर्यात और निर्यात में दोहरे अंक की गिरावट को इस साल भी

“आशावादी परिदृश्य” के तहत प्रभावित करेगा, जो दूसरी छमाही में शुरू होने वाली वसूली को दर्शाता है।

Recession Worse than 2008 से भी ज्यादा बुरे दौर में

डब्ल्यूटीओ और आईएमएफ प्रमुख ने इस तथ्य की ओर इशारा किया है कि मंदी के विपरीत जो

वैश्विक वित्तीय संकट के साथ एक दशक पहले था, वर्तमान मंदी अद्वितीय है। वैश्विक आपूर्ति

श्रृंखला जटिलता में वृद्धि हुई है l


विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव उत्पादों जैसे उद्योगों में, उन्हें वर्तमान व्यवधानों के

लिए विशेष रूप से असुरक्षित बना दिया गया है, उन देशों के साथ जो इन मूल्य संपर्कों का एक

हिस्सा हैं जो व्यापार को और अधिक गंभीर रूप से प्रभावित करने के लिए निर्धारित हैं।

Today's the Hindu editorial
Today’s the Hindu editorial

So Bad for Indian Economy भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बुरी खबर : the hindu editorial Analysis


इसके अलावा, सेवाओं का व्यापार – जिसमें भारत का निर्यात निर्यातक के रूप में (2019 में $

214 बिलियन या 3.5%) के रूप में उच्च वैश्विक हिस्सा है l परिवहन और यात्रा प्रतिबंधों से

काफी प्रभावित हो सकता है। सेवाओं के व्यापार के लिए इस धूमिल दृष्टिकोण में चांदी का एक

छोटा सा टुकड़ा भूमिका है कि डब्ल्यूटीओ सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं के लिए देखता है क्योंकि

कंपनियां कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए सक्षम बनाती हैं l


लोग आवश्यक रूप से दवाओं और दवाओं का ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं और दूरस्थ रूप से सामाजिककरण करते हैं। भारत के आईटी निर्यातक महामारी की सूरत में अपने विदेशी ग्राहकों के व्यापार की निरंतरता की योजनाओं का समर्थन करने में व्यस्त हैं और आर्थिक गतिविधि में सुधार होने पर उन्हें निष्ठा से जुड़े व्यवसाय की आवश्यकता के दौरान यह हाथ पकड़ना पड़ सकता है।

अभी भी, विश्व व्यापार संगठन के प्रमुख, रॉबर्टो अज़ेवाडो के रूप में, महत्वपूर्ण रूप से देखा जाता है, वैश्विक आर्थिक गतिविधि में एक पलटाव को किसी भी राजकोषीय या मौद्रिक उत्तेजना के रूप में सीमाओं के पार स्वतंत्र रूप से व्यापार करने की आवश्यकता होगी। दुनिया सबसे अच्छी तरह से सेवा की जाएगी, अगर राष्ट्र महामारी के बाद माल, सेवाओं और लोगों के आंदोलन में नए अवरोधों को खड़ा नहीं करते हैं।

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Hindu Today’s Editorial Hindi Analysis

Hindu Today’s Editorial Hindi Analysis के तहत आप को प्रत्येक दिन के एडिटोरियल का हिंदी एनालिसिस मिलता है l

Life and Livelihood जीवन और रोजी रोटी

द हिंदू का आज का एडिटोरियल कोविड-19 से होने वाले आर्थिक नुकसान और जीवन पर प्रकाश डालता है l एडिटोरियल अपने हवाले से लिखता है सरकार के पास दो रास्ते है l लॉक डाउन को आगे बढ़ाकर नागरिकों की जीवन की सुरक्षा करें या फिर लॉक डाउन समाप्त करके चरणबद्ध तरीके से आर्थिक गतिविधियों को प्रारंभ करें l

सरकार ने जिस प्रकार से निर्णय लिए वैसे समय में यह आवश्यक भी था l  अब यह आवश्यक है कि सरकार कुछ ऐसे आर्थिक और बड़े कदम उठाएं जिससे अर्थव्यवस्था दोबारा से पटरी पर लाया जा सके l  सरकार से आशा की जाती है कि कुछ ऐसे आर्थिक फैसले लिए जाएं जो आउट ऑफ बॉक्स अर्थात जो हटकर हो l

मध्यम लघु और सूक्ष्म उद्योगों पर COVID-19 का प्रभाव : Hindu Today’s Editorial Analysis

द हिन्दू एडिटोरियल (The Hindu Editorial) अपने हवाले से लिखता है आर्थिक गतिविधि न होने पर और आय में कमी होने पर मध्यम एवं लघु उद्योग को बहुत बड़ा झटका लगा है l जिसके कारण इसमें कार्यरत करोड़ों रोजगार समाप्त हो गए हैं l ऐसी शंका जताई जा रही है यदि आर्थिक अवरोध बना रहा तो बहुत जल्द लोग भूख से भी मरने लगेंगे l

 हालांकि Hindu Today’s Editorial Hindi एडिटोरियल वित्त मंत्री सीतारमण के 1.7 करोड़ रुपए के सहायता को अच्छा मानता है l लेकिन यह राशि बहुत कम हैl  विकसित देशों ने अपनी जीडीपी का लगभग 10 से 15% तक अपनी अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए खर्च किया हैl  वहीं पर भारत ने सिर्फ अपनी अर्थव्यवस्था का लगभग 1% के बराबर खर्च किया हैं l Hindu Today’s Editorial Hindi Analysis के प्रत्येक दिन के एनालिसिस प्राप्त करने के लिए चैनल को सब्सक्राइब करे l

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आर्थिक मंदी दूर करने के उपाय

अर्थव्यवस्था को मंदी से उबारने के लिए भारत सरकार को एक बड़ा आर्थिक पैकेज देने की जरूरत है l एडिटोरियल कहता है कि सरकार को अधिक राजस्व खर्च करना चाहिएl  इसका सबसे अच्छा उदाहरण मलेशिया का ले सकते हैं जिसने अपनी सकल घरेलु उत्पाद का लगभग 18% अपने नागरिकों को खर्च करने के लिए दिया है l

विशेषज्ञों की राय है कि सरकार को रूढ़ीवादी उपायों को छोड़कर कुछ अलग तरह के आर्थिक प्रयास करने होंगे l जिससे अर्थव्यवस्था में गति आ सके और मांग तथा उत्पादन में वृद्धि हो l अभी तक भारत ने 1.70 लाख करोड़ रुपए खर्च किये है जो भारत की अर्थव्यवस्था का लगभग 1% है l

कुछ सुझाव भी देता है जो इस प्रकार हैं :

  1. गरीब जनता को लगभग ₹3000 प्रतिमाह दिए जाएं अभी सरकार ने ₹500 प्रतिमाह दिए हैं l
  2.  किसानों का लॉक डाउन के कारण बहुत बड़ा नुकसान हुआ है l वह अपने अनाज को बाजार तक नहीं ले जा पा रहे l  जिसके कारण उनके पास आय का कोई साधन नहीं रह गया है l  यह जरूरी है कि किसानों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया करवाया जाए
  3.  कर्जदार को अपना कर्ज चुकाने के लिए एक लंबी अवधि दी जानी चाहिए l
  4.  उपभोक्ता के पास आय के साधन न होने के कारण वह अपनी मासिक किस्त नहीं चुका पाता है l

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों की राय में माध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग (Ministry of Micro Small and Medium Enterprises(MSME)) के अंतर्गत आने वाले सभी उद्योगों को कम से कम 6 माह का समय दिया जाए l  msme  के अंतर्गत आने वाले सभी उद्योगों के ऋण की समय सीमा को कम से कम 6 महीने तक बढ़ा दिया जाए l

मध्यम लघु एवं सूक्ष्म उद्योग में देश की बहुत बड़ी जनसंख्या कार्यरत है l इस उद्योग के ठप पड़ने के कारण एक बहुत बड़ी जनसंख्या के पास आय के साधन समाप्त हो गए हैं l इसलिए यह जरूरी है कि मध्यम एवं लघु उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कुछ बड़े कदम सरकार के द्वारा उठाए जाने चाहिए l

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GST Holiday करो में छूट

The Hindu Today’s Editorial Analysis में एडिटोरियल यह भी सुझाव देता है कि जीएसटी हॉलिडे(GST Holiday ) कम से कम 3 महीने के लिए लगाया जाना चाहिए l GST Holiday का अर्थ होता है एक निश्चित सीम के लिए करों में भारी छूट देना या माफ़ कर देना l

विशेषज्ञों का मानना है सरकार को कोविड-19 संकट से उबरने के लिए कुछ अलग प्रकार के आर्थिक कदम उठाने की आवश्यकता है l जिस प्रकार से अब तक फैसले लिए गए हैं उससे ऐसा कम ही जान पड़ता है कि अर्थव्यवस्था दोबारा से पटरी पर आएगी l The Hindu Full News

विकसित देशों के द्वारा किये जाने वाले उपाय :

सरकार को दूसरे देशों जैसे अमेरिका जर्मनी ब्रिटेन से कुछ सीखना चाहिए l  विकसित तथा विकासशील देश अपनी अर्थव्यवस्था को कोविड-19 संकट से होने वाले नुकसान को से उबारने के लिए अपनी अर्थव्यवस्था का लगभग 10 से 15% तक राजस्व खर्च कर रहे हैं l

 इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि सरकार को इस बार कुछ क्रांतिकारी फैसले लेने होंगे l अपने रूढ़िवादी फैसलों को छोड़कर कुछ ऐसे निर्णय करने होंगे, ऐसे बड़े बदलाव करने होंगे जिससे आर्थिक गतिविधि आर्थिक प्रक्रिया दोबारा से अपनी रफ्तार पकड़ ले l देश आर्थिक संकट से जल्द से जल्द उबर सके l

आज का द हिन्दू एडिटोरियल(The Hindu Editorial) देश की जीडीपी और राजस्व घाटे पर प्रकाश डालता है l आइए जीडीपी और राजकोषीय घाटे के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों पर  चर्चा करते हैं

 सकल घरेलू उत्पाद (GDP)

किसी राष्ट्र के द्वारा 1 वर्ष में कुल वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन को सकल घरेलू उत्पाद कहा जाता है l द हिन्दू एडिटोरियल(The Hindu Editorial)

किसी राष्ट्र के द्वारा एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत उत्पादित अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद अर्थात जीडीपी(GDP ) कहा जाता है l साधारणतया इसकी सीमा 1 वर्ष होती  हैं l  सकल घरेलू उत्पाद का संबंध खर्च उत्पादन और आय से होता है

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लोगों में अधिक खर्च करने की क्षमता होने के कारण उत्पादन में वृद्धि होती है l Hindu Today’s Editorial Hindi Analysis के तहत आप को प्रत्येक दिन के एडिटोरियल का हिंदी एनालिसिस मिलती है l

उत्पादन में वृद्धि होने के कारण अर्थव्यवस्था में गतिशीलता बढ़ती है l खर्च और उत्पादन बढ़ने के कारण आय में वृद्धि होती है l किसी भी राष्ट्र की जीडीपी खर्च उत्पादन और आय में वृद्धि के साथ साथ वृद्धि करती हैं l

The Hindu Today's Editorial
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सकल घरेलु उत्पादन में भारत का स्थान

सकल घरेलू उत्पादन एक ऐसा पैमाना है जिसके द्वारा किसी भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नापा जाता है सकल घरेलू उत्पादन के आधार पर भारत को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा प्राप्त है l

 भारत के अलावा

  1. अमेरिका(21.44 ट्रिलियन )
  2. चीन(14.14 ट्रिलियन )
  3. जापान(5.15 ट्रिलियन )
  4. जर्मनी(3.86 ट्रिलियन )
  5. भारत की अर्थव्यवस्था 2.94 ट्रिलियन की है l

 राजकोषीय घाटा(Fiscal Deficit )

सरकार का आय से अधिक खर्च करने की प्रक्रिया को राजकोषीय घाटा कहा जाता है इसको इस प्रकार से समझा जा सकता है यदि सरकार की आय ₹100 है और सरकार ने ₹105 खर्च किए हैं तो इस प्रकार से सरकार का खर्च अपनी आय से ₹5 अधिक है l  इसका यह मतलब हुआ कि सरकार को 5% राजकोषीय घाटा हुआ है

 बाजार में मांग बढ़ाने के लिए सरकार अपने राजस्व का एक बहुत बड़ा भाग नागरिकों पर खर्च कर सकती है l  यह बहुत ही सूक्ष्म और कम समय के लिए उपाय माने जाते हैं l इसमें अर्थव्यवस्था में गतिविधि और क्रियाकलाप बढ़ जाते हैं परंतु वह बहुत ही सीमित समय के लिए होते हैं l राजकोषीय घाटे को अर्थव्यवस्था के लिए लंबे समय के लिए सही नहीं माना जाता है l

मित्रों यदि आपको यह एडिटोरियल पसंद आया हो तो नीचे कमेन्ट जरूर करे l

अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद !!

Class 11 Political Science Notes

Class 11 Political Science Notes कक्षा 11 राजनीति विज्ञान एनसीईआरटी नोट्स l इसके तहत कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान के सभी अध्याय  के नोट्स बहुत ही परिश्रम और शुद्धता के साथ बनाए गए हैं l 

  • इसके तहत एनसीईआरटी की पुस्तकें सामग्री का उपयोग करते हुए गूगल सर्च और अन्य स्रोतों के द्वारा पाठ्य सामग्री को विकसित किया गया है l 
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  • मेरा नाम रंजीत वर्मा है मैं खुद Political Science Class 11 का एक छात्र हूँ और अपनी शिक्षा को दिन प्रतिदिन सुधारने की कोशिश कर रहा हूँ l 
  • मुझे आशा है कि आप को यह पसंद आएगी l  आपके दृष्टिकोण से यदि कोई सुझाव हो तो नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर कमेंट करें l 

Class 11 Political Science Notes NCERT BOOK Summary का सारांश

  • कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान में  भारत के संविधान से जुड़े विभिन्न पहलुओं को अलग-अलग अध्याय में समझाया गया है l 
  • एनसीईआरटी की पुस्तक में  संविधान कैसे बना? संविधान में संशोधन कैसे करते हैं? संविधान एक जीवंत दस्तावेज है l इन सब के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है l 
  • Class 11 के Political Science बुक के Notes  
  • अध्याय 2  में मौलिक अधिकार और राज्य के नीति निदेशक तत्व के बारे में बताया गया है l 
  • अध्याय 3 से  अध्याय 6 तक  सरकार के तीनों अंग कार्यपालिका विधायिका और न्यायपालिका के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई है l 
  • इसके बाद बारी आती है सत्ता के विकेंद्रीकरण की  और इसके तहत स्थानीय शासन का अध्याय दिया गया है l 
  • Political Science Class 11 pdf Notes
  • इससे आगे बढ़ते हुए राज्यों और केंद्र के बीच शक्तियों के विभाजन को समझाने के लिए संघवाद चैप्टर दिया गया है l 
  • कक्षा 11 राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तक के दूसरे भाग में इन्हीं विषयों को विस्तार से समझाया गया है l  
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भारतीय संविधान : क्यों और कैसे ?

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