कक्षा 10 भूगोल संसाधन एवं विकास Class 10 Geography in hindi Resources and Development

भूगोल कक्षा 10
अध्याय -1
संसाधन एवं विकास
अति लघु उत्तर वाले प्रश्न :
1.     भारत में सबसे अधिक कौन सी मृदा पायी जाती है ? इसका निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर : जलोढ़ मृदा l इसका निर्माण नदियों द्वारा लाए गए अवसादों से हुआ हैl
2.     महाराष्ट्र, सौराष्ट्र और मालवा में कौन सी मृदा पाई जाती है ? इस मृदा का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर : काली मृदा इसका निर्माण ज्वालामुखी के मैग्मा तथा आग्नेय शैलों के द्वारा हुआ है l
3.     मृदा निर्माण की प्रक्रिया में किन्हीं दो महत्त्वपूर्ण कारकों के नाम लिखिए ?
उत्तर :
1.     उच्चावच                                            5. जलवायु
2.     जंक शैली                                          6. वनस्पति
3.     संस्तर शैले                                        7. ह्यूमस
4.     समय
4.     भारत में पाई जाने वाली विभिन्न मृदाओं में से किन्हीं दो के नाम लिखो l
उत्तर :
1.     जलोढ़ मृदा                                        4. काली मृदा
2.     लाल व पीली मृदा                               5. लैटेराइट मृदा
3.     मरुस्थलीय मृदा                                6. वन मृदा
5.     वन मृदा की दो विशेशताएँ लिखो ?
उत्तर :
1.     नदी घाटियों में मृदा दोमट तथा सिल्टदार परंतु ऊपरी ढलानों पर इनका गठन मोटे कणों द्वारा l
2.     हिमालय के हिम क्षेत्रों में ये अधिसिलिक तथा ह्यूमस रहित
6.     मरुस्थलीय मृदा की दो विशेषताएँ बताइए ?
उत्तर :
1.     रंग लाल और भूरा
2.     रेतीली और लवणीय
3.     ह्यूमन और नमी की मात्रा कम l
7.     पृथ्वी सम्मेलन 1992 का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर : पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक आर्थिक विकास की समस्याओं का हल ढूढना l
8.     एजेंडा 21 क्या है ?
उत्तर : एक कार्यसूची है, जिसका उद्देश्य समान हितों, पारस्परिक आवश्यकताओं एवं सम्मिलित जिम्मेदारियों के अनुसार विश्व सहयोग के द्वारा पर्यावरणीय क्षति, गरीबी और रोगों से निपटना है l
9.     किन्हीं दो राज्यों के नाम बताइए जहाँ सोपनी कृषि की जाती है ? इस प्रकार की कृषि का क्या लाभ है ?
उत्तर : जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम l यह मृदा अपरदन को नियंत्रित करती है l
10.  ऐसी दो मानवीय क्रियाएँ लिखें जिनके द्वारा भूमि का निम्नीकरण होता है ?
उत्तर :
1.     अति पशुचारण                             3. खनन
2.     वनोन्मुलन                                  4. अत्यधिक भौमजल का निष्कासन l
दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न :
11.  संसाधनों के अति उपभोग से कौन – कौन सी समस्याएँ उत्पन्न हुई है?
उत्तर :
1.     सपनों का ह्यस
2.     संसाधन समाज के कुछ ही लोगों के हाथ में l एक संसाधन साधन संपन्न दुसरा संसाधन हिन वर्ग l
3.     वैश्विक पारिस्थितिक संकट जैसे भूमंडलीय तापन औजोन परत का क्षय, पर्यावरण प्रदुषण, भूमि निम्नीकरण का होना l
12.  ‘खादर ‘ और ‘बांगर’ में क्या अंतर है ?


उत्तर : खादर
1.     नवीन जलोढ़ मृदा
2.     अधिक बारीक व रेतीली
3.     बार – बार नवीकरण
4.     नदी के पास डेल्टा तथा बाढ़ निर्मित मैदानों में पाई जाती है
बांगर
1.     प्राचीन जलोढ़ मृदा
2.     कंकड़ तथा कैल्शियम कार्बोनेट
3.     बार – बार नवीकरण नहीं
4.     नदी से दूर ऊँचे स्तर पर पाई जाती है l


13.  पृथ्वी सम्मेलन 1992 पर टिप्पणी लिखो l
उत्तर :
1.     जून 1992 में रियो में आयोजित l
2.     100 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षो ने भाग लिया l
3.     विश्व स्तर पर उभरते पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक – आर्थिक समस्याओं का हल ढूढने के लिए आयोजित l
4.     नेताओं द्वारा भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन और जैविक विविधता के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए l
5.     भूमंडलीय वन सिध्दांतों पर सहमति
14.  मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है ? विभिन्न उपायों को लिखों l
उत्तर :
1.     नदियों पर बाँध बनाकर उनके बहाव को कम करना l
2.     अधिक से अधिक वृक्ष लगाना l
3.     मरुस्थलीय क्षेत्रों में कांटेदार वनस्पति लगाकर l
4.     पहाड़ी क्षेत्रों मे सीडीनुमा खेत बनाकर l
5.     मरुस्थलीय क्षेत्रों के किनारों पर पेड़ लगाकर l
15.  शुद्ध बोए गए क्षेत्र तथा कुल बोए गए क्षेत्र में अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर : शुद्ध बोया गया क्षेत्र : –
1.     कुल ज्ञान क्षेत्रफल का वह भाग जो कृषि के लिए उपयोगी l
2.     भारत में कुल क्षेत्रफल का लगभग आधा भाग शुद्ध बोया गया क्षेत्र
3.     इसकी गणना वर्ष में एक फसल के आधार पर की जाती है l
कुल बोया गया क्षेत्र : –
1.     वह क्षेत्र जिसमें कृषि अवधि में एक से अधिक फसलें बोई जाती है l
2.     कुल बोया गया क्षेत्र भारत में शुद्ध बोए गए क्षेत्र से बहुत अधिक l
3.     गणना वर्ष में एक से अधिक फसलों के बोए जाने के आधार पर l
16.  अंतर्राष्ट्रीय स्त्र पर ‘ससाधन संरक्षण’ के लिए क्या – क्या प्रयास किए गए है ?
उत्तर :
1.     1968में ‘क्लब ऑफ रोम’ ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्थित ढ्ग से संसाधन संरक्षण के पक्ष में अपनी आवाज उठाई l
2.     1974 में शुमेकर ने पुस्तक ‘स्माल इज ब्यूटीफुल’ में गांधी के दर्शन की पुनरावृति की l
3.     1987 में ब्रंटलैंड आयोग ने ‘सतत पोषणीय विकास’ की संकल्पना प्रस्तुत की l
4.     महत्त्वपूर्ण योगदान पृथ्वी सम्मेलन 1992 द्वारा किया गया l
17.  संसाधन नियोजन से आप क्या समझते है ? संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :  संसाधन नियोजन ‘संसाधनों के उचित उपयोग की तकनीक और कौशल l’
संसाधन नियोजन की आवश्यकता
1.     संसाधन सीमित तथा उनका वितरण असमान l
2.     विवेकपूर्ण उपयोग के लिए नियोजन अत्यंत महत्त्वपूर्ण
3.     कुछ संसाधन अनवीकरणीय है l
18.  स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के विभिन्न प्रकारों को समझाइए l
उत्तर : स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण –
1.     व्यक्तिगत संसाधन –
a.     व्यक्ति के स्वामित्व में
b.     बाग, चारागाह, तालाब, कुआँ आदि
2.     सामुदायिक संसाधन –
a.     समुदाय के सभी लोगों को उपलब्ध
b.     गाँव की पशुचारण भूमि, श्मशान भूमि, तालाब
c.     नगरीय क्षेत्रों में पार्क, पिकनिक स्थल, खेल के मैदान l
3.     राष्ट्रीय संसाधन –
a.     तकनीकी रूप से सभी संसाधन राष्ट्रीय है l
b.     राष्ट्रीय सरकार को अधिकार है कि वह राष्ट्र हित में व्यक्तिगत संसाधनों का अधिग्रहण कर सकती है l
c.     खनिज, संसाधन, जल संसाधन, वन तथा वन्य जीवन, राजनैतिक सीमाओं के भीतर संपूर्ण भूमि l
d.     12 समुद्री मील तक महासागरीय क्षेत्र में पाए जाने वाले सभी संसाधन राष्ट्रीय है l
4.     अंतर्राष्ट्रीय संसाधन –
a.     अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा नियम बनाना l
b.     तट रेखा से 200 किलोमीटर से परे खुले महासागरीय संसाधनों पर किसी देश का अधिकार नहीं l
c.     अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की अनुमति के बिना उपयोग नहीं l
19.  मृदा निर्माण में कौन – कौन से कारक उत्तरदायी है ? स्पष्ट करो l
उत्तर :
1.     शैली – मृदा के लिए उचित सामग्री मिलना l
2.     जलवायु – लंबी अवधि में शैलों को छोटे – छोटे टुकड़ों तथा कणों में बदलना l
3.     पेड़ – पौधे – जड़ें शैलों में घुसकर उन्हें तोड़ – फोड़ देती है l
4.     अति चारण – पशुओं द्वारा निरंतर चराई से शैलों में परिवर्तन संभव l
5.     वर्षा – वर्षा का जल शैलों के छिद्रों में घुसकर तोड़फोड़ का कार्य करता है l लंबे समय तक इन कारकों के क्रियाशील रहने से शैलों में टूटने की क्रिया चलती रहती है l धीरे – धीरे मृदा का निर्माण होता है l
20.  भारत में पाई जाने वाली मृदाओं का वर्णन करो तथा उनका वितरण भारत के मानचित्र में दर्शाइए l
उत्तर : जलोढ़ मृदा
1.     संपूर्ण उत्तरी मैदान में फैलाव
2.     सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र, नदी तंत्रों द्वारा विकसित
3.     रेत, सिल्ट तथा मृत्तिया के विभिन्न अनुपात
4.     बहुत उपजाऊ तथा गन्ना , चावल , गेहूँ आदि फसलों के लिए उपयुक्त
काली मृदा
1.     रंग काला तथा दूसरा नाम रेगर मृदा
2.     कपास तथा मूंगफली की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त l
3.     महाराष्ट्र, सौराष्ट्र , मलवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार में पाई जाती है l
4.     कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम, पोटाश और चुने जैसे तत्वों से परिपूर्ण l
लाल और पीली मृदा –
1.     लोहे के कणों की अधिकता के कारण रंग लाल तथा कहीं – कहीं पर पीला भी l
2.     उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य गंगा के मैदान के दक्षिणी छोर और पश्चिमी घाट में पहाड़ी पद पाई जाती है l
लेटराइट मृदा –
1.     उच्च तापमान और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित l
2.     भारी वर्षा से अत्यधिक निक्षालन का परिणाम l
3.     ह्यूमन की मात्रा कम
4.     कर्नाटक , केरल , तमिलनाडु मध्य प्रदेश, उड़ीसा तथा असम के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है l
5.     काजू की फसल के लिए उपयुक्त
मरुस्थली मृदा –
1.     रंग लाल तथा भूरा
2.     रेतीली तथा लवणीय
3.     शुष्क जलवायु तथा उच्च तापमान के कारण जल वाष्पन की दर अधिक
4.     ह्यूमन और नमी की मात्रा कम
5.     उचित सिंचाई प्रबंधन के द्वारा उपजाऊ बनाया जा सकता है l
वन मृदा –
1.     पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है
2.     गठन में पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलाव
3.     नदी घटियों में मृदा दोमट तथा सिल्त्दार
4.     हिमाच्छादित क्षेत्रों में मृदा का अधिक अपरदन
इन मृदाओं का वितरण भारत के रेखामानाचित्र में दर्शाया गया है l इसका अवलोकन कर अभ्यास करें l
21.   वनों के “पर्यावरणीय महत्त्व” का वर्णन कीजिए ?
उत्तर : राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार किसी देश का वन क्षेत्र उसके संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र का 33 प्रतिशत होना चाहिए l भारत में यह वन क्षेत्र लगभग 19.39 प्रतिशत है l
वनों का पर्यावरणीय महत्त्व इस प्रकार है –
1.     ये पर्यावरण संतुलन बनाने के लिए आवश्यक है l पादप , जंतु और सूक्ष्म जीव वायु की गुणवत्ता बनायें रखते हैं l वायु से हम सांस लेते है और मृदा जो भोजन प्रादन करती है, इनके बगैर हम जीवित नहीं रह सकते l
2.     वन वे प्राथमिक उत्पादन हैं जिन पर सभी जीवित जीव निर्भर करते है l
3.     वनों में पादपों और जंतुओं की जैव विविधता के रक्षा होती है जिससे उनकी प्रजातियों बेहतर रूप से पनपती हैं l
22.  कुछ पर्यावरणीय समस्याओं को बताइए जो कि संसाधनों के अति उपयोग या अनुचित उपयोग के द्वारा सामने आ सकती है l
उत्तर :
1.     मृदा अपरदन
2.     वैश्विक
3.     प्रदुषण
4.     जलवायु परिवर्तन
5.     मरुस्थलीकरण
6.     जैव – विविधता का अभाव आदि l
भूगोल कक्षा 10वीं
अध्याय -1
संसाधन एवं विकास
अति लघु उत्तर वाले प्रश्न :
1.     भारत में सबसे अधिक कौन सी मृदा पायी जाती है ? इसका निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर : जलोढ़ मृदा l इसका निर्माण नदियों द्वारा लाए गए अवसादों से हुआ हैl
2.     महाराष्ट्र, सौराष्ट्र और मालवा में कौन सी मृदा पाई जाती है ? इस मृदा का निर्माण किस प्रकार हुआ ?
उत्तर : काली मृदा इसका निर्माण ज्वालामुखी के मैग्मा तथा आग्नेय शैलों के द्वारा हुआ है l
3.     मृदा निर्माण की प्रक्रिया में किन्हीं दो महत्त्वपूर्ण कारकों के नाम लिखिए ?
उत्तर :
1.     उच्चावच                                            5. जलवायु
2.     जंक शैली                                          6. वनस्पति
3.     संस्तर शैले                                        7. ह्यूमस
4.     समय
4.     भारत में पाई जाने वाली विभिन्न मृदाओं में से किन्हीं दो के नाम लिखो l
उत्तर :
1.     जलोढ़ मृदा                                        4. काली मृदा
2.     लाल व पीली मृदा                               5. लैटेराइट मृदा
3.     मरुस्थलीय मृदा                                6. वन मृदा
5.     वन मृदा की दो विशेशताएँ लिखो ?
उत्तर :
1.     नदी घाटियों में मृदा दोमट तथा सिल्टदार परंतु ऊपरी ढलानों पर इनका गठन मोटे कणों द्वारा l
2.     हिमालय के हिम क्षेत्रों में ये अधिसिलिक तथा ह्यूमस रहित
6.     मरुस्थलीय मृदा की दो विशेषताएँ बताइए ?
उत्तर :
1.     रंग लाल और भूरा
2.     रेतीली और लवणीय
3.     ह्यूमन और नमी की मात्रा कम l
7.     पृथ्वी सम्मेलन 1992 का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर : पर्यावरण संरक्षण तथा सामाजिक आर्थिक विकास की समस्याओं का हल ढूढना l
8.     एजेंडा 21 क्या है ?
उत्तर : एक कार्यसूची है, जिसका उद्देश्य समान हितों, पारस्परिक आवश्यकताओं एवं सम्मिलित जिम्मेदारियों के अनुसार विश्व सहयोग के द्वारा पर्यावरणीय क्षति, गरीबी और रोगों से निपटना है l
9.     किन्हीं दो राज्यों के नाम बताइए जहाँ सोपनी कृषि की जाती है ? इस प्रकार की कृषि का क्या लाभ है ?
उत्तर : जम्मू व कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम l यह मृदा अपरदन को नियंत्रित करती है l
10.  ऐसी दो मानवीय क्रियाएँ लिखें जिनके द्वारा भूमि का निम्नीकरण होता है ?
उत्तर :
1.     अति पशुचारण                             3. खनन
2.     वनोन्मुलन                                  4. अत्यधिक भौमजल का निष्कासन l
दीर्घ उत्तर वाले प्रश्न :
11.  संसाधनों के अति उपभोग से कौन – कौन सी समस्याएँ उत्पन्न हुई है?
उत्तर :
1.     सपनों का ह्यस
2.     संसाधन समाज के कुछ ही लोगों के हाथ में l एक संसाधन साधन संपन्न दुसरा संसाधन हिन वर्ग l
3.     वैश्विक पारिस्थितिक संकट जैसे भूमंडलीय तापन औजोन परत का क्षय, पर्यावरण प्रदुषण, भूमि निम्नीकरण का होना l
12.  ‘खादर ‘ और ‘बांगर’ में क्या अंतर है ?


उत्तर : खादर
1.     नवीन जलोढ़ मृदा
2.     अधिक बारीक व रेतीली
3.     बार – बार नवीकरण
4.     नदी के पास डेल्टा तथा बाढ़ निर्मित मैदानों में पाई जाती है
बांगर
1.     प्राचीन जलोढ़ मृदा
2.     कंकड़ तथा कैल्शियम कार्बोनेट
3.     बार – बार नवीकरण नहीं
4.     नदी से दूर ऊँचे स्तर पर पाई जाती है l


13.  पृथ्वी सम्मेलन 1992 पर टिप्पणी लिखो l
उत्तर :
1.     जून 1992 में रियो में आयोजित l
2.     100 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षो ने भाग लिया l
3.     विश्व स्तर पर उभरते पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक – आर्थिक समस्याओं का हल ढूढने के लिए आयोजित l
4.     नेताओं द्वारा भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन और जैविक विविधता के घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए l
5.     भूमंडलीय वन सिध्दांतों पर सहमति
14.  मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है ? विभिन्न उपायों को लिखों l
उत्तर :
1.     नदियों पर बाँध बनाकर उनके बहाव को कम करना l
2.     अधिक से अधिक वृक्ष लगाना l
3.     मरुस्थलीय क्षेत्रों में कांटेदार वनस्पति लगाकर l
4.     पहाड़ी क्षेत्रों मे सीडीनुमा खेत बनाकर l
5.     मरुस्थलीय क्षेत्रों के किनारों पर पेड़ लगाकर l
15.  शुद्ध बोए गए क्षेत्र तथा कुल बोए गए क्षेत्र में अंतर स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर : शुद्ध बोया गया क्षेत्र : –
1.     कुल ज्ञान क्षेत्रफल का वह भाग जो कृषि के लिए उपयोगी l
2.     भारत में कुल क्षेत्रफल का लगभग आधा भाग शुद्ध बोया गया क्षेत्र
3.     इसकी गणना वर्ष में एक फसल के आधार पर की जाती है l
कुल बोया गया क्षेत्र : –
1.     वह क्षेत्र जिसमें कृषि अवधि में एक से अधिक फसलें बोई जाती है l
2.     कुल बोया गया क्षेत्र भारत में शुद्ध बोए गए क्षेत्र से बहुत अधिक l
3.     गणना वर्ष में एक से अधिक फसलों के बोए जाने के आधार पर l
16.  अंतर्राष्ट्रीय स्त्र पर ‘ससाधन संरक्षण’ के लिए क्या – क्या प्रयास किए गए है ?
उत्तर :
1.     1968में ‘क्लब ऑफ रोम’ ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्थित ढ्ग से संसाधन संरक्षण के पक्ष में अपनी आवाज उठाई l
2.     1974 में शुमेकर ने पुस्तक ‘स्माल इज ब्यूटीफुल’ में गांधी के दर्शन की पुनरावृति की l
3.     1987 में ब्रंटलैंड आयोग ने ‘सतत पोषणीय विकास’ की संकल्पना प्रस्तुत की l
4.     महत्त्वपूर्ण योगदान पृथ्वी सम्मेलन 1992 द्वारा किया गया l
17.  संसाधन नियोजन से आप क्या समझते है ? संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर :  संसाधन नियोजन ‘संसाधनों के उचित उपयोग की तकनीक और कौशल l’
संसाधन नियोजन की आवश्यकता
1.     संसाधन सीमित तथा उनका वितरण असमान l
2.     विवेकपूर्ण उपयोग के लिए नियोजन अत्यंत महत्त्वपूर्ण
3.     कुछ संसाधन अनवीकरणीय है l
18.  स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के विभिन्न प्रकारों को समझाइए l
उत्तर : स्वामित्व के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण –
1.     व्यक्तिगत संसाधन –
a.     व्यक्ति के स्वामित्व में
b.     बाग, चारागाह, तालाब, कुआँ आदि
2.     सामुदायिक संसाधन –
a.     समुदाय के सभी लोगों को उपलब्ध
b.     गाँव की पशुचारण भूमि, श्मशान भूमि, तालाब
c.     नगरीय क्षेत्रों में पार्क, पिकनिक स्थल, खेल के मैदान l
3.     राष्ट्रीय संसाधन –
a.     तकनीकी रूप से सभी संसाधन राष्ट्रीय है l
b.     राष्ट्रीय सरकार को अधिकार है कि वह राष्ट्र हित में व्यक्तिगत संसाधनों का अधिग्रहण कर सकती है l
c.     खनिज, संसाधन, जल संसाधन, वन तथा वन्य जीवन, राजनैतिक सीमाओं के भीतर संपूर्ण भूमि l
d.     12 समुद्री मील तक महासागरीय क्षेत्र में पाए जाने वाले सभी संसाधन राष्ट्रीय है l
4.     अंतर्राष्ट्रीय संसाधन –
a.     अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा नियम बनाना l
b.     तट रेखा से 200 किलोमीटर से परे खुले महासागरीय संसाधनों पर किसी देश का अधिकार नहीं l
c.     अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की अनुमति के बिना उपयोग नहीं l
19.  मृदा निर्माण में कौन – कौन से कारक उत्तरदायी है ? स्पष्ट करो l
उत्तर :
1.     शैली – मृदा के लिए उचित सामग्री मिलना l
2.     जलवायु – लंबी अवधि में शैलों को छोटे – छोटे टुकड़ों तथा कणों में बदलना l
3.     पेड़ – पौधे – जड़ें शैलों में घुसकर उन्हें तोड़ – फोड़ देती है l
4.     अति चारण – पशुओं द्वारा निरंतर चराई से शैलों में परिवर्तन संभव l
5.     वर्षा – वर्षा का जल शैलों के छिद्रों में घुसकर तोड़फोड़ का कार्य करता है l लंबे समय तक इन कारकों के क्रियाशील रहने से शैलों में टूटने की क्रिया चलती रहती है l धीरे – धीरे मृदा का निर्माण होता है l
20.  भारत में पाई जाने वाली मृदाओं का वर्णन करो तथा उनका वितरण भारत के मानचित्र में दर्शाइए l
उत्तर : जलोढ़ मृदा
1.     संपूर्ण उत्तरी मैदान में फैलाव
2.     सिंधु, गंगा तथा ब्रह्मपुत्र, नदी तंत्रों द्वारा विकसित
3.     रेत, सिल्ट तथा मृत्तिया के विभिन्न अनुपात
4.     बहुत उपजाऊ तथा गन्ना , चावल , गेहूँ आदि फसलों के लिए उपयुक्त
काली मृदा
1.     रंग काला तथा दूसरा नाम रेगर मृदा
2.     कपास तथा मूंगफली की खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त l
3.     महाराष्ट्र, सौराष्ट्र , मलवा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के पठार में पाई जाती है l
4.     कैल्शियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम, पोटाश और चुने जैसे तत्वों से परिपूर्ण l
लाल और पीली मृदा –
1.     लोहे के कणों की अधिकता के कारण रंग लाल तथा कहीं – कहीं पर पीला भी l
2.     उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्य गंगा के मैदान के दक्षिणी छोर और पश्चिमी घाट में पहाड़ी पद पाई जाती है l
लेटराइट मृदा –
1.     उच्च तापमान और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित l
2.     भारी वर्षा से अत्यधिक निक्षालन का परिणाम l
3.     ह्यूमन की मात्रा कम
4.     कर्नाटक , केरल , तमिलनाडु मध्य प्रदेश, उड़ीसा तथा असम के पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है l
5.     काजू की फसल के लिए उपयुक्त
मरुस्थली मृदा –
1.     रंग लाल तथा भूरा
2.     रेतीली तथा लवणीय
3.     शुष्क जलवायु तथा उच्च तापमान के कारण जल वाष्पन की दर अधिक
4.     ह्यूमन और नमी की मात्रा कम
5.     उचित सिंचाई प्रबंधन के द्वारा उपजाऊ बनाया जा सकता है l
वन मृदा –
1.     पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है
2.     गठन में पर्वतीय पर्यावरण के अनुसार बदलाव
3.     नदी घटियों में मृदा दोमट तथा सिल्त्दार
4.     हिमाच्छादित क्षेत्रों में मृदा का अधिक अपरदन
इन मृदाओं का वितरण भारत के रेखामानाचित्र में दर्शाया गया है l इसका अवलोकन कर अभ्यास करें l
21.   वनों के “पर्यावरणीय महत्त्व” का वर्णन कीजिए ?
उत्तर : राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार किसी देश का वन क्षेत्र उसके संपूर्ण भौगोलिक क्षेत्र का 33 प्रतिशत होना चाहिए l भारत में यह वन क्षेत्र लगभग 19.39 प्रतिशत है l
वनों का पर्यावरणीय महत्त्व इस प्रकार है –
1.     ये पर्यावरण संतुलन बनाने के लिए आवश्यक है l पादप , जंतु और सूक्ष्म जीव वायु की गुणवत्ता बनायें रखते हैं l वायु से हम सांस लेते है और मृदा जो भोजन प्रादन करती है, इनके बगैर हम जीवित नहीं रह सकते l
2.     वन वे प्राथमिक उत्पादन हैं जिन पर सभी जीवित जीव निर्भर करते है l
3.     वनों में पादपों और जंतुओं की जैव विविधता के रक्षा होती है जिससे उनकी प्रजातियों बेहतर रूप से पनपती हैं l
22.  कुछ पर्यावरणीय समस्याओं को बताइए जो कि संसाधनों के अति उपयोग या अनुचित उपयोग के द्वारा सामने आ सकती है l
उत्तर :
1.     मृदा अपरदन
2.     वैश्विक
3.     प्रदुषण
4.     जलवायु परिवर्तन
5.     मरुस्थलीकरण
6.     जैव – विविधता का अभाव आदि l

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