भारत में सड़क परिवहन की जब बात होती है तो यह बहुत ही अनोखा विषय बन जाता है l भारत की भौगोलिक विभिन्नता इसका मुख्य कारण है l भारत में सड़क परिवहन l कक्षा 10 भूगोल नोट्स के अंतर्गत आज आपको भारत में सड़क और रेल परिवहन पर नोट्स मिलेगी l भारत में सड़के मुख्य रूप से 6 प्रकार की पाई जाती हैभारत में सड़क परिवहन की जब बात होती है तो यह बहुत ही अनोखा विषय बन जाता है l भारत की भौगोलिक विभिन्नता इसका मुख्य कारण है l
- व्यापार, संचार और परिवहन किसी भी राष्ट्र की जीवन रेखा होती है l भारत में सड़क परिवहन l वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुचाने के लिए विभिन्न प्रकार की परिवहन के साधनो का उपयोग किया जाता है l रेलवे, वायुयान, मालवाहक और यात्री वाहन, पानी में चलने वाले जहाज और नाव इत्यादि का उपयोग परिवहन के साधन के रूप में किया जाता है l
- वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान पर पहुचाने के लिए तीन माध्यमों का उपयोग होता है : स्थल, जल और वायु l इन्ही के आधार पर परिवहन के साधन को प्रकार में बाँटा गया है :
भारत में सड़क परिवहन
- भारत में सड़कों का जाल 23 लाख किलोमीटर से भी अधिक है l भारत भौगौलिक रूप से बहुत विशाल देश है l यहाँ छोटी और बड़ी, कच्ची और पक्की सभी प्रकार की सड़के है l भारत में निम्नलिखित प्रकार की सड़के पाई जाती है :
राष्ट्रीय राजमार्ग ( NATIONAL HIGHWAY) : भारत में सड़क परिवहन के रूप में वरदान
- राष्ट्रीय राजमार्ग वे सड़के होती है जो एक राज्य से दुसरे और फिर तीसरे और लगभग कई राज्यों को आपस में जोड़ती है l राष्ट्रीय राजमार्ग की देखरेख केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग(CPWD) करती है l
- भारत में बहुत सारे राष्ट्रीय राजमार्ग है l राजमार्ग संख्या 7 देश का सबसे बड़ा राजमार्ग है l राजमार्ग संख्या 7 की लम्बाई 2369 किमी है l
- भारत सरकार ने 6 लेन वाली सड़कों का एक नेटवर्क बनाया है जिसे स्वर्णिम चतुर्भुज कहा जाता है क्योकि यह एक चतुर्भुज की आकृति बनाते है l इसकी देखरेख के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण(National Highway Authority of India( NHAI)) बनाया गया है l
- ये राजमार्ग दिल्ली, कोलकत्ता, चेन्नई और मुम्बई को आपस में जोड़ती है l
राज्य राजमार्ग
किसी राज्य में जिला मुख्यालय को राज्य की राजधानी से जोड़ने वाली सड़के राज्य राजमार्ग कहलाते है l उदारहण के लिए पटना बिहार की राजधानी है वह सड़क जो बिहार के अलग अलग जिला मुख्यालय को पटना से जोड़ती है उसे राज्य राजमार्ग कहेंगे l इसकी देखरेख राज्य का लोक निर्माण विभाग(PWD) करता है l
जिला सड़के
यह सड़के जिले के विभिन्न प्रशासनिक केन्द्रों को जिला मुख्यालय से जोड़ती है l इन सड़कों की रख रखाव की जिम्मेदारी जिला परिषद् की होती है l
अन्य सड़के
गाँवों और ग्रामीण क्षेत्रों को शहर की मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़के अन्य सड़कों की श्रेणी में आती है l इन सड़कों की रख रखाव की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और ब्लाक प्रमुख की होती है l
सीमान्त सड़के
ऎसी सड़के जो अंतर्राष्ट्रीय सीमा के आस पास वाले इलाकों में बनाई जाती है उसे सीमान्त सड़के कहते है l सीमावर्ती इलाको में सड़कों का निर्माण और रख रखाव की जिम्मेदारी सीमा सड़क संगठन (Border Road Organisation) की है l ये संगठन 1960 में बनाया गया था l सीमा सड़क संगठन सीमान्त क्षेत्रों मे सामरिक महत्त्व की सड़कों का निर्माण करती है l
सड़क घनत्व
प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में सड़कों की कुल लम्बाई को सड़क घनत्व कहते है l जम्मू और कश्मीर में सबसे कम सड़क घनत्व 10 किलोमीटर और केरल में सबसे ज्यादा 375 किलोमीटर सड़क घनत्व है l
रेल परिवहन
कक्षा 9 भूगोल नोट्स के अनार्गत आज भारत में रेल यात्रियों, वस्तुओं और सेवाओ के परिवहन का प्रमुख साधन है l रेलवे का मुख्य रूप से उपयोंग व्यापार, तीर्थयात्रा और भ्रमण के साथ साथ लम्बी दूरी की यात्रा के लिया किया जाता है l यह लम्बी दूरी की यात्रा का सुगम और सस्ता साधन है l किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए रेलवे अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी होती है l भारत में रेलवे की लम्बाई 63974 किमी है l
भारतीय रेल में रेलवे लाइन की चौड़ाई के नाम पर रेलवे लाइन को तीन प्रकार की गेज का उपयोग होता है :
- बड़ी लाइन (1.67m)
- मीटर लाइन (1 m )
- छोटी लाइन (0.61 और 0.76 m)
भारत में रेलवे की शुरुआत 1853 में हुई थी जब पहली ट्रेन मुम्बई से ठाणे तक चलाई गयी थी l
भारतीय रेल को 18 प्रखंडो(मंडलों) में बाँटा गया है( स्कूली छात्रो के लिए नाम याद करना जरूरी नहीं )
- उत्तर पश्चिम रेलवे
- उत्तर मध्य रेलवे
- उत्तर रेलवे
- दक्षिण पश्चिम रेलवे
- दक्षिण मध्य रेलवे
- दक्षिण रेलवे
- दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे
- दक्षिण पूर्व रेलवे
- पश्चिम मध्य रेलवे
- पश्चिम रेलवे
- पूर्व तटीय रेलवे
- पूर्व रेलवे
- पूर्व मध्य रेलवे
- पूर्वोत्तर रेलवे
- पूर्वोत्तर सीमान्त रेलवे
- मध्य रेलवे
- कोंकण रेलवे
- कोलकाता मेट्रो रेलवे
- दक्षिण तटीय रेलवे
भारतीय रेलवे के समक्ष चुनौतियाँ
- देश में रेलवे के वितरण को प्रभावित करने वाले निम्न कारण है :
- भू आकृतिक कारक : पहाड़ियाँ, उबड़ खाबड़ और उच्चावच l
- आर्थिक कारक : रेलवे लाइन का विस्तार करने के लिए बहुत अधिक धन और समय की आवश्यकता होती है l बहुत से यात्री बिना टिकट यात्रा करते है l
- प्रशासकीय कारक : रेलवे लाइन का विस्तार करने के लिए पर्यावरण सम्बन्धी मंजूरी, ;भूमि के अधिग्रहण और बजट सम्बन्धी बहुत से चुनौतियाँ होती है l
- अन्य कारक : सुरक्षा सम्बन्धी, ट्रेनों का लेट होने, आवश्यकता से अधिक यात्रियों का सफ़र करना इत्यादि समस्याएँ l
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