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CBSE CLASS 12 HISTORY SAMPLE PAPER IN HINDI सीबीएसई कक्षा 12 इतिहास इतिहास सैंपल पेपर

CBSE BOARD EXAMINATION 2015
विषय : इतिहास

  1. सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए l कुछ प्रश्नों में आतंरिक विकल्प दिए गये है l प्रश्न संख्या 1 से 3 अंको वाले है,
  2. प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 30 शब्दों से अधिक नही होने चाहिए l
  3. प्रश्न संख्या 4 से 9 चार अंको वाले है l इनमे से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक नही होना चाहिए l  परिक्षार्थियो को इस खण्ड से केवल पांच प्रश्नों को हल करना चाहिय प्रश्न संख्या 10 आधारित प्रश्न है और अनिवार्य है , यह प्रश्न भी चार अंक का है
  4. प्रश्न संख्या 11 से 13 आठ अंक वाले है l  इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 350 शब्दों से अधिक नही होना चाहिए l
  5. प्रश्न संख्या 14 से 16 स्त्रोत आधारित है l  इनमें से कोई आन्तरिक विकल्प नही है l
  6. प्रश्न संख्या 17 मानचित्र सम्बन्धी है , जिसमे लक्षणों को पहचानना तथा महतवपूर्ण मदों को दर्शाना शामिल है l परीक्षार्थियों को मानचित्र को उत्तर – पुस्तिका के अंदर नत्थी करना चाहिए l    



खण्ड – क

निम्नलिखित सभी प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

1 प्रशस्तियो से गुप्त शासको की तथ्यात्मक जनकारी किस प्रकार मिलती है ?

2 लिगायतों जाति ने धर्मशास्त्रों के कुछ आचारो (ब्रह्माणिय अवधारणाओं ) को अस्वीकार किया l ऐसे किन्ही दो आचारो का उल्लेख कीजिए l

3 उस श्रेत्र का नाम लिखिए जहाँ 18 वी शताब्दी के दोरान लोटरी कमेटी द्वारा नगर नियोजन की शुरुआत की गई थी l उसकी किसी एक विशेषता का उल्लेख कीजिए l

  खण्ड – ख

अनुभाग – I

 

निम्निलिखित में से किन्ही पांच  प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

4 विजयनगर सामाज्य के जल संसाधन क्यों विकसित किए गए थे ? करण लिखिए l

5 18 वी शताब्दी मे बगांल मे ब्रिटिश अधिकारीयो द्वारा पहङियों के प्रति अपनायी गए नीतियों की परख कीजिए l

6 हडप्पावासीयों द्वारा शिल्प उत्पादन हेतु माल प्राप्त करने के लिय अपनायी गई नीतियों को स्पष्ट कीजिय l

7 इतिहासकारो ने मौर्य  साम्राज्य के इतिहास की पुनर्रचना के लिए विभिन्न प्रकार के स्रोत का उपयोग किया है l ऐसे किन्ही चार स्रोत का उल्लेख कीजिए l

8 मुगल साम्राज्य के शाही पपरिवार के विशिष्ट अभिलक्षणो की पहचान कीजिए l

9 लार्ड डलहौजी की अवध अधिग्रहण निति की आलोचनात्मक परख कीजिए l

अनुभाग – II

मूल्य आधारित प्रश्न (अनिवार्य )

10 निम्निलिखित अनुच्छेद को पढ़िये और उसके नीचे दिए गए प्रश्न का उत्तर लिखिए –

डॉ . खुशदेव  सिहं ने अपने कामो का बयाँ करते हुए लिखा है कि “ एक इन्सान के होने के नाते बिरादर इंसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए मेरी छोटी सी कोशिश l”

“प्रमे द्वेष से मजबूत होता है l ” इस मूल्य का सत्य भारत के विभाजन के समय किस प्रकार सिध्द हुआ ? वे कौन –से मूल्य है , जिनके अविरत प्रयास से सिखाने और विकसित करने से देष से बचा जा सकता है ? स्पष्ट कीजिए l

खण्ड – ग

11 “1930 की नमक यात्रा यह पहली घटना थी जिसके चलते महात्मा गांधी जी दुनिया की नजर मे आए l ” स्वराज के लिए इस आन्दोलन के महत्व को कीजिए l

12 “औपनिवेशिक बम्बई की स्थापत्य –कला शाही सता , राष्ट्रवाद और धार्मिक वैभव के विचारो का प्रतिनिधित्व करती थी l ” इस कथन की उदहारण सहित पुष्टि कीजिए l

13 मुगल कला मे जंगल मे रहने वाले लोगो के जीवन का वणर्न कीजिए l

14 सुत –पिटक ने बौद्ध दर्शन की पुनर्रचना किस प्रकार की है ? बौद्ध त्रिपिटक के बारे मे उल्लेख कीजिए l

खण्ड-घ (स्रोत  आधारित प्रश्न )

15  निम्निलिखित अनुच्छेद ध्यानपूर्वक  को पढ़िय और उसके नीचे दिए गए प्रश्नों  का उत्तर लिखिए –

“ उचित सामाजिक कर्तव्य ”

एक बार ब्रह्मण द्रोंण के पास ,जो कूरू वंश के राजकुमारों को धनु विद्या की शिक्षा देते थे एकलव्य नामक वनवासी निषाद (शिकारी समुदाय आया l द्रोंण ने,जो धर्म समझते थे , उसे शिष्य के रूप मे स्वीकार करने से मना कर दिया l एकलव्य ने वन मे लौट कर मिटटी से द्रोंण की प्रतिमा बनाई तथा उसे अपना गुरु मानकर वह स्वय ही तीर चलाने का अभ्यास करने लगा l समय के साथ वह तीर चलने मे हुए सिद्धहस्त हो गया l एक दिन कुरु राजकुमार अपने कुत्ते के साथ जंगल मे शिकार करते हुए एकलव्य के समीप पहुँच गए l कुत्ता काले मृग की चमड़ी के वस्त्र में लिपटे निषाद को देखकर भौकने लगा l कोधित होकर एकलव्य ने एक साथ सात तीर चलाकर उसका मुँह बंद कर दिया l जब  वह कुत्ता लौटा तो पांडव तीरदाजी का यह अद्भुत द्रश्य देखकर आश्चर्यजनक हो गए l उन्होंने एकलव्य को तलाशा ,उसने स्वय को  द्रोंण का शिष्य बताया l

द्रोंण ने अपने शिष्य अर्जुन से एक बार यह कहा था की वह उनके सभी शिष्यों मे अदितीय तीरदाज  बनेगा l अर्जुन ने द्रोंण को उनका यह प्रण याद दिलाया l द्रोंण एकलव्य के पास गए  जिसने उन्हें अपना गुरु मानकर प्रणाम  किया l तब द्रोंण ने गुरु दक्षिण के रूप मे एकलव्य  से उसके दाहिने हाथ का अगुठा माँगा लिया l एकलव्य ने फौरन गुरु को अपना अगुठा काट कर दे दिया l अब एकलव्य तीर चलने मे उतना तेज नही रहा l इस तरह द्रोंण ने अर्जुन को दिए वचन को निभाया l कोई भी अर्जुन से बेहतर धनुधारी नही रहा l

1 द्रोंण ने एकलव्य को अपना शिष्य बनाने के लिया मना क्यों किया ?

2 एकलव्य की अपने गुरु की माँग  पर क्या प्रतिक्रिया थी ?

3 दिए गए अनुच्छेद मे उल्लिखित गुरु –शिष्य परम्परा के दो  उल्लेख कीजिए l

15. निम्निलिखित अनुच्छेद ध्यानपूर्वक  को पढ़िय और उसके नीचे दिए गए प्रश्नों  का उत्तर लिखिए –

सती बालिका

लाहौर  मै मेने एक बहुत ही सुंदर अल्पवयस्क विधवा जिसकी आयु मेरे विकार मै बाहर वर्ष से अधिक नही थी , की बलि होते हुए देखी l उस भयानक नर्क की और जाते हुए वः असहय छोटी बच्ची जीवित से अधिक मृत प्रतीत हो रही थी ; उसके मस्तिष्क  की  व्यधा का वर्णन नही किय जा सकता ; वह काँपते हुए बुरी तरह से रो रही थी ; लेकिन तीन या चार ब्राह्मण, एक बूढी औरत , जिसने उसे अपनी आस्तीन के नीचे दबाया हुआ था,की सहायता से उस पीडिता को जबरन घातक स्थल की और ले गए ,उसे लकडियो पर बैठाया , उसके हाथ और पैर बांध दिए ताकि वह भाग न जाए और इस स्थिति मे उस मासूम प्राणी को जिन्दा जला दिया गया l मे अपनी भावनाओं को दबाने मे और उनके कोलाहलपूर्ण तथा व्यर्थ के क्रोथ को बाहर आने से रोकने मे असमर्थ था …

1 बनिर्यर ने इस व्यवहार को पूर्वी और पश्चिम समाजो की भिन्नताओ का अत्यत  महत्वपूर्ण पहलू क्यों माना है ?

2 भारतीय पितात्मक समाज इस सामाजिक कुपथा मे क्यों भूमिक अदा करता है ?

3 उपयुक्त उलिखित कल मे ओरतो की स्थिति की तुलना आज के संदभ मै किजिए l   

16 निम्निलिखित अनुच्छेद ध्यानपूर्वक  को पढ़िय और उसके नीचे दिए गए प्रश्नों  का उत्तर लिखिए –

अंग्रेज़ तो चले गए  , मगर जाते जाते शरारत का बीज बो गए ”

सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कहा था :

यह दोहरने को मतलब नही है की हम पृथक निर्वाचिका की माँगा इस लिए कर रहे है , क्योकि हमारे लिए यही अच्छा है l यह बात हम बहुत समय से सुन रहे है l हम सालो से यह सुन रहे है और इसी आन्दोलन के करण अब हम एक विभाजित राष्ट्र है ….. l क्या आप मुझे एक भी स्वतंत्र देश दिखा सकते है जंहा पृथक निर्वाचिका की व्यवस्था बनाए रखी गई तो यहां जीने का कोई मतलब नही होगा l इसलिए  में कहता हूँ की यह सब सिर्फ मेरे भले की बात नही है बल्कि आपका भला भी इसी मे है की हम अतीत को भूल जाएँ l एक दिन हम एकजुट हो सकते है ….. l अंग्रेज़ तो चले गए , मगर जाते -जाते  शरारत का बीज बो गए है l हम इस शरारत को और बढाना चाहतेl (सुनिए –सुनिए )l  जब अंग्रेने यह विचार पेश किया था तो उन्हें  यह उम्मीद नही की थी की उन्हें इतनी जल्दी भागना पड़ेगा l उन्हेंने तो अपने शासन की सुविधा के लिय यह किया था l कोई बात नही l मगर अब वो अपनी विरासत पीछे छोड़ गए है  l अब हम इससे बाहर निकलेगे या नही l

 1 पृथक निर्वाचिका को एक बुराई क्यों माना गया है ?

2  सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा राजनीतिक एकता और राष्ट्र की स्थपना करने के लिय दिए गए तर्कों का उल्लेख कीजिए l

3 पृथक निर्वाचिका की धारणा ने पृथक देश को केसै अंजाम दिया ?

खण्ड –ङ

( मानचित्र प्रश्न )

18 भातर के दिए हुए राजनितिक रेखा –मानचित्र पर निम्नलिखित को उपयुक्त चिह्नों से दर्शाइए तथा उनके नाम लिखिए :

 अ . धोलावीरा

 ब . आगर –मुगलों का राजधानी शहर

A भारत के दिए गए इसी राजनीतिक रेखा- मानचित्र पर , 1857 के विद्रोह से संबधित तीन केन्द्न A , B और C अंकित किए गए है l उन्हें पहचनिए तथा उनके सही नाम उनके समीप खीची गई रेखाओं पर लिखिए l

अ .   मुगल साम्राज्य के किन्ही दो राजधानी शहरो का उल्लेख कीजिए l

आ . 1857  के विद्रोह से संबधित किन्ही तीन महत्पूर्ण स्थलों का उल्लेख कीजिए l





CLASS 12 POLITICAL SCIENCE NOTES:

PART-1

अध्याय:1 शीतयुद्ध का दौर 

अध्याय:2  दो ध्रुवीयता  का अंत 

अध्याय:3 समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व 

अध्याय:4 सत्ता के वैकल्पिक केंन्द्र  

अध्याय:5 समकालीन दक्षिण एशिया 

अध्याय:6 अंतर्राष्ट्रीय  संगठन

अध्याय:7 समकालीन विश्व में सुरक्षा 

अध्याय:8 पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन 

अध्याय:9 वैश्वीकरण 

PART-2


अध्याय:1 राष्ट्र निर्माण की चुनौतियाँ

अध्याय:2 एक दल के  प्रभुत्व का दौर 

अध्याय:3 नियोजित विकास की राजनीति

अध्याय:4 भारत के विदेश संबंध

अध्याय:5 कोंग्रेस प्रणाली: चुनौतियाँ व पुर्नस्थापना 

अध्याय:6 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट 

अध्याय:7 जन आंदोलन का उदय

अध्याय:8 क्षेत्रीय आकांक्षाये 

अध्याय:9 भारतीय राजनीति में नए बदलाव


 

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