उपभोक्ता अधिकार
नोट्स कक्षा 10 अर्थशास्त्र
उपभोक्ता
वह व्यक्ति जो वस्तुओं और सेवाओं का क्रय अपने उपयोग के लिए करता है उसे उपभोक्ता कहते है l
उपभोक्ता अधिकार
उपभोक्ताओं को सही मापदंड और नियम के अनुसार वास्तु और सेवाओं की प्राप्ति हो इसके लिए कानूनन उन्हें कुछ अधिकार दिए जाते है l जिन्हें उपभोक्ता अधिकार कहते है l यह अधिकार वस्तु की गुणवत्ता और सही विनिमय में मदद करते है l उपभोक्ताओं को निम्नलिखित अधिकार दिए गए है :
- चुनने का अधिकार
- सूचना का अधिकार
- क्षतिपूर्ति निवारण का अधिकार
- प्रतिनिधित्व का अधिकार
उपभोक्ता का शोषण
बाज़ार में उपभोक्ताओं का शोषण कई तरीकों से किया जा सकता है जैसे:
- अनुचित व्यापर जैसे सही वजन से कम वजन तौलकर
- बिना पूर्व सूचना के कई प्रकार के शुल्क जोड़ देना
- दोषपूर्ण या मिलावटी वस्तुएँ बेचना
- भ्रामक विज्ञापन देकर
उपभोक्ता आन्दोलन
- उपभोक्ता आन्दोलन की शुरुआत सन 1960-70 के दशक में हुई l
- इस समय उपभोक्ता सम्बंधित आलेखों का लेखन और प्रदर्शन किया जाने लगा था l
- उपभोक्ता दलों ने परिवहन में भरी भीड़ भाड़ और राशन की दुकानों पर सही तौल न दिए जाने के लिए निगरानी तंत्र बनाये l
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम COPRA – ( Consumer Protection act )
- कोपरा (COPRA) का पूरा नाम उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम है l
- संसद में 24 दिसंबर 1986 को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पारित किया गया था l
- कोपरा के अंतर्गत त्रिस्तरीय न्याय प्रणाली जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं के विवादों के निपटारे के लिए उपभोक्ता अदालते स्थापित की गयी है l
- जिला उपभोक्ता न्यायलय 20 लाख तक के मुकद्दमे की सुनवाई करती है l
- राज्य स्तरीय उपभोक्ता न्यायलय 20 लाख से 1 करोड़ तक के मुक़दमे की सुनवाई करती है l
- राष्ट्रीय उपभोक्ता न्यायलय 1 करोड़ से ऊपर के मुकदमों की सुनवाई करती है l
- नीचली अदालत में मुक़दमा हारने के बाद उपभोक्ता उपरी अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है l
- उपभोक्ता अदालत में उपभोक्ता स्वयं या फिर अपने प्रतिनिधि(वकील ) के तौर पर मुक़दमा लड़ सकता है l