निर्वाचन आयोग क्या होता है? निर्वाचन आयोग What is Election Commission?
चुनाव या निर्वाचन आयोग
भारत का निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है l इसकी स्थापना संविधान के भाग 15 में की गई है l इसका विवरण अनुच्छेद 324 से 329 के में मिलता है l भारत में निर्वाचन आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गई l निर्वाचन आयोग क्या कार्य करता है? आइये जानते है इसकी संरचना और कार्यविधि l
आयोग संरचना
25 जनवरी 1950 से लेकर 15 अक्टूबर 1989 तक चुनाव आयोग में एक सदस्य था और यह आयोग एक सदस्य निकाय के रूप में कार्य करता था l 16 अक्टूबर 1989 से 1 जनवरी 1990 तक इसके दो अन्य सदस्यों की नियुक्ति की गई l तब से चुनाव आयोग में 3 सदस्य हो गए परंतु 2 जनवरी 1990 से 30 सितंबर 1993 तक यह एक सदस्यी निर्वाचन आयोग के रूप में कार्य करता रहा l 1 अक्टूबर 1993 से यह तीन सदस्यी निकाय हो गया l
निर्वाचन आयोग के आयुक्तों की नियुक्ति और कार्य :
- चुनाव आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है
- इसका कार्यकाल 6 वर्ष का होता है
- यह 65 वर्ष की आयु तक या 6 वर्ष जो पहले हो तक अपने पद पर बना रहता है
- चुनाव आयोग के अन्य 2 सदस्यों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति करते हैं l जिनकी अधिकतम आयु योग्यता 62 वर्ष है l
- पद और सम्मान में चुनाव आयोग सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के समान होता है
- चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त को हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया अपनाई जाती हैं l
चुनाव आयोग के कार्य
- चुनाव आयोग लोकसभा राज्यसभा विधानसभा और राष्ट्रपति का चुनाव करवाता है l
- ग्राम पंचायत जिला परिषद आदि अन्य निकायों के चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग करवाता है l जो निर्वाचन आयोग से बिल्कुल भिन्न संस्था है l
- चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता प्राप्त करता है
- चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह का बंटवारा करता है
- मतदाता सूची तैयार करवाता है l
- चुनाव आयोग देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाता है l
- चुनाव आयोग संसद या विधानसभा को सदस्यों की अयोग्यता पर राष्ट्रपति और राज्यपाल को सलाह देता है l
- आयोग गलत तरीके से चुनाव जीतने वाले व्यक्ति के खिलाफ चुनाव जीतने के लिए गलत तरीकों का उपयोग करने वाले उम्मीदवार की सदस्यता रद्द करता है l
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