Site icon edupedo

संघवाद नोट्स कक्षा 11 राजनीति विज्ञान

संघवाद नोट्स कक्षा 11 राजनीति विज्ञान के इस अंक में आपको संघवाद अध्याय के सभी टॉपिक्स जैसे केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न सम्बन्ध के बारे में नोट्स मिलेंगे l राज्य सूची और संघ सूची के साथ समवर्ती सूची को विस्तार से बताया गया है l

NCERT NOTES FOR UPSC NCERT NOTES FOR CLASS 11 POLITY

संघवाद का अर्थ

इसका अर्थ होता है संगठित रहने का विचार l संघ का अर्थ होता है संगठन और वाद का अर्थ होता है विचार तो इस प्रकार से संघवाद का अर्थ बना साथ रहने का विचार l 

भारतीय संविधान में संघवाद

संविधान के अनुच्छेद अनुच्छेद 1 में भारत को राज्यों का संघ कहा गया है l भारत का संघवाद विश्व के अन्य देशों के संघवाद से बिल्कुल अलग है भारतीय संविधान में federation शब्द का कहीं भी प्रयोग नहीं किया गया है l बल्कि उसकी जगह यूनियन(Union) शब्द का प्रयोग किया गया है l प्रारंभ में भारत में कुल 14 राज्य थे l नीचे मानचित्र में देखे l

भारतीय राज्य: 1947
संघवाद कक्षा 11 राजनीति विज्ञान

भारतीय संघवाद की विशेषताएँ 

विश्व के देशों में संघवाद में मुख्य रूप से दो स्तर की सरकारें हैं l वहीं पर भारत में संघवाद के रूप में तीन स्तर की सरकारी कार्य करते हैं l पहले स्तर पर केंद्रीय सरकार जो काफी शक्तिशाली हैं दूसरे स्तर पर राज्य सरकारें और तीसरे स्तर पर स्थानीय सरकारें कार्य करती हैं l भारतीय संघवाद की विशेषता मुख्य रूप से लिखित संविधान में दर्ज है l भारत में शक्तियों का विभाजन संविधान के अनुसूची 7 में किया गया है l जिसमें संघ सूची राज्य सूची और समवर्ती सूची के साथ-साथ केंद्र सरकार को अवशिष्ट शक्तियां प्रदान की गई है l भारत में स्वतंत्र न्यायपालिका है जो राज्य और केंद्र तथा राज्यों के बीच विवाद का निपटारा करती है l भारतीय संघवाद में संविधान को सर्वोच्चता दी गई हैं l 

भारतीय संविधान में संघवाद की शक्ति विभाजन 

केंद्र सरकार केंद्र सरकार

संविधान की सर्वोच्चता

  1. भारतीय संविधान में संघवाद के ढांचे में चाहे वह केंद्र शासक शासन हो या राज्य शासन संविधान को सर्वोपरि माना गया है l
  2. संघवाद की सभी सरकारे संविधान के दायरे में रहकर ही काम करेंगी l
  3. देश में केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच शक्तियों को 3 भागो के तहत बांटा गया है l
  4. संविधान तीन स्तर की सरकारों की व्यवस्था करता है केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार l 
  5. स्वतंत्र न्यायपालिका के द्वारा राज्य और केंद्र की शक्तियों में विवाद होने पर पंच की भूमिका निभाने के लिए स्वतंत्र रखा गया है l
  6. भारतीय संविधान में संसद संशोधन कर सकती है परंतु उसके मूल ढांचे में परिवर्तन नहीं कर सकती l 

संविधान में एकात्मकता के लक्षण

भारतीय संघवाद में कुछ ऐसे लक्षण है l जिससे यह प्रतीत होता है कि या एकात्मक संघवाद की तरह कार्य करती है l जो निम्न है: 

केंद्र सरकार को अधिक शक्तियाँ देने के कारण

भारत देश एक बहुत ही विशाल और अनेकानेक विविधताओं से परिपूर्ण है l देश में सामाजिक आर्थिक कई प्रकार की समस्याएं हैं l संविधान निर्माता शक्तिशाली केंद्रीय सरकार के माध्यम से उन विविधताओं और समस्याओं का निपटारा करना चाहते थे l जब देश स्वतंत्र हुआ उस समय 565 रियासतें और ब्रिटिश भारत के 17 प्रांत थे l इन सब को एकजुट करना और एकता के सूत्र में बांधे रखना एक बड़ी चुनौती थी l यही कारण है कि भारतीय संघीय व्यवस्था में केंद्र सरकार को अधिक शक्तिशाली बनाया गया है l 

शक्तियों का विवाद: केंद्र-राज्य संबंध

संविधान में केंद्र को अधिक शक्तियां दिए जाने के कारण केंद्र राज्य संबंध में अक्सर तनाव बना रहता है l ऐसे कई राज्य हैं जो अधिक अधिकार और स्वायत्तता की मांग करते हैं l राज्य अपने हितों के लिए कई प्रकार से मांगे करते हैं l जो निम्न प्रकार है: 

  1. स्वायत्तता की मांग 
  2. राज्यपाल की भूमिका तथा राष्ट्रपति शासन 
  3. नए राज्यों की मांग 
  4. अंतर्राज्यीय विवाद 
  5. विशिष्ट प्रावधान

स्वायत्तता की मांग: संघवाद की प्रमुख समस्या

ऐसे अनेक मौके आए हैं जब राज्यों और राजनीतिक दलों में राज्यों को केंद्र के मुकाबले अधिक स्वायत्तता देने की मांग उठी है l जिसमें वित्तीय स्वायत्तता प्रशासनिक सेवाएं तथा सांस्कृतिक और भाषाई स्वायत्तता की मांग है l 

  1. वित्तीय स्वायत्तता: राज्यों के आय के अधिक साधन होने चाहिए तथा संसाधनों पर राज्यों का नियंत्रण होना चाहिए ऐसा राज्यों की मांग है l 
  2. प्रशासनिक स्वायत्तता: शक्ति विभाजन को राज्यों के पक्ष में किया जाना चाहिए और राज्यों को अधिक महत्व के अधिकार और शक्तियां दी जानी चाहिए l 
  3. सांस्कृतिक और भाषाई अधिकार: तमिलनाडु में हिंदी विरोध में पंजाब राज्य में पंजाबी और संस्कृत के प्रोत्साहन की मांग समय-समय पर उठती रही है l वहीं पूर्वोत्तर के राज्य अपनी संस्कृति को बनाए रखने की वकालत करते हैं l 

राज्यपाल की भूमिका तथा राष्ट्रपति शासन

नए राज्यों की माँग 

भारतीय राज्य: 2020 भारतीय राज्य: 2020

अंतर्राज्यीय विवाद 

संघवाद के विशिष्ट प्रावधान 

Exit mobile version