वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
कक्षा 10 अर्थशास्त्र नोट्स
वैश्वीकरण
विभिन्न देशों के बीच परस्पर सम्बन्ध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया को वैश्वीकरण कहते है l वैश्वीकरण से सामाजिक आर्थिक और राजनितिक बदलाव आते है l वैश्वीकरण से व्यापार में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है l
वैश्वीकरण के प्रभाव
सकारात्मक प्रभाव
- वैश्वीकरण से बाज़ार में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनता है और गुणवत्ता पूर्ण वस्तुएँ कम कीमतों पर उपलब्ध होती है l
- किसी देश में वैश्वीकरण से सामाजिक बदलाव आ सकते है जैसे उपभोक्ताओं के कपडे पहनने, गाड़ी खरीदने, खाना खाने और शिक्षा के स्तर में बदलाव l
- आर्थिक विकास होता है और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होते है l
- विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है l
बहुराष्ट्रीय कंपनी
- वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण और स्वामित्व पर नियंत्रण रखती है उसे बहुराष्ट्रीय कंपनी कहते है l
- बहुराष्ट्रीय कंपनी उन देशों में अपने कार्यालय और उत्पादन के कारखाने स्थापित करती है जहाँ उन्हें सस्ता श्रम और अन्य संसाधन मिल सके l
- उसी स्थान पर उत्पादन इकाई लगाती है जहाँ से बाज़ार नजदीक हो l जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रमिक उपलब्ध हो l
- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ निवेश करती जिससे वे मुनाफा कमाती है l भूमि भवन मशीन और अन्य उपकरणों पर किये गए खर्च को निवेश कहते है l
वैश्वीकरण की प्रक्रिया में प्राद्यौगिकी
- परिवहन तकनीकी के विकास होने से सूदूर स्थानों पर वस्तुओं को भेजना सरल और सस्ता हुआ है l
- इन्टरनेट के प्रसार से सूचना तकनीकी में तेजी आई है l विभिन्न देश आपस में जुड़ गए है l
- प्राद्यौगिकी के प्रयोग से समय और निवेश की राशि में कमी की गयी है l जिससे लाभ बढ़ा है l
बहुराष्ट्रीय कंपनी
- वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण और स्वामित्व पर नियंत्रण रखती है उसे बहुराष्ट्रीय कंपनी कहते है l
- बहुराष्ट्रीय कंपनी उन देशों में अपने कार्यालय और उत्पादन के कारखाने स्थापित करती है जहाँ उन्हें सस्ता श्रम और अन्य संसाधन मिल सके l
- उसी स्थान पर उत्पादन इकाई लगाती है जहाँ से बाज़ार नजदीक हो l जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रमिक उपलब्ध हो l
- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ निवेश करती जिससे वे मुनाफा कमाती है l भूमि भवन मशीन और अन्य उपकरणों पर किये गए खर्च को निवेश कहते है l
वैश्वीकरण की प्रक्रिया में प्राद्यौगिकी
- परिवहन तकनीकी के विकास होने से सूदूर स्थानों पर वस्तुओं को भेजना सरल और सस्ता हुआ है l
- इन्टरनेट के प्रसार से सूचना तकनीकी में तेजी आई है l विभिन्न देश आपस में जुड़ गए है l
- प्राद्यौगिकी के प्रयोग से समय और निवेश की राशि में कमी की गयी है l जिससे लाभ बढ़ा है l